कौन हूँ मैं?
हमारा तआरुफ़ हर मौके के हिसाब से अलग बंधता जाता है।
यहाँ के लिए। मैं ख़िज़र। नाम मे दो नुक्ते है और हर मौजूँ पर अपना नुक़्ता नज़र।
25 का हूँ। किताबी कीड़ा। जयपुर मोहब्बत और घर दोनों। गुडगाँव दफ़्तर। कॉर्पोरेट नौकर। नाकामयाब कोडर। करता बहुत कुछ हूँ पर आता कुछ भी नही। लिखना बचपन से ही आदत और ज़रूरत में शामिल है। इंग्लिश, हिंदी और उर्दू तीनों भाषाओं में पढ़ना और लिखना आता-सा है।
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