मैं रजवाड़ों की भूमि राजस्थान के डूँगरपुर जिले के थाणा गाँव के एक सामान्य कृषक परिवार से हूँ। पढाई में कभी खास नही रहा लेकिन लेखन में बचपन से ही रूचि रही है। उच्च माध्यमिक की पढ़ाई के बाद अध्ययन के लिये 4 वर्ष उदयपुर में गुजारे और उदयपुर से ही मेरी लेखन में रूचि बढ़ने लगी, कॉलेज में कुछ नाटक भी लिखे।
अतः जन्मभूमि डूँगरपुर के बाद कर्मभूमि उदयपुर का मेरे जीवन में विशेष महत्व है।
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