मैं “ख़्वाब_संजना” हिन्दू महाविद्यालय की दर्शनशास्त्र की छात्रा हूँ। अभी स्नातकोत्तर की पढ़ाई जारी है। लिखना कभी शौक होता है कभी मन को बहलाने को लिखे जाने वाली चीज़, मेरे लिए लिखना जुनून है, क्योंकि लेख़क एक बिम्ब है समाज का और सबसे ज़्यादा हिस्सा मेरे मुताबिक़ उसका है समाज़ की बढ़ोतरी में, तो प्रक्रिया जारी है इसी राह में।
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