शालिनी भाटी फरीदाबाद के पास, हरियाणा मे स्थित, कौराली, गाँव से हैं। लेकिन अभी मुंबई मे रहतीं हैं अपने माता-पिता के साथ, इनकी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी हो गयी है। इन्हे पुस्तक पढ़ने, नृत्य करने और चित्रकारी में रूचि है। इनका विश्वास है की लिखना अंतरात्मा को सुकून देता है और दूसरों के जो भाव अभिव्यक्त नहीं हो पाते उन्हें पन्नो पर अंकित करता है।
लिखने की शुरुआत ग्रेजुएशन के पहले वर्ष से की जब घर से पहली बार दूर रहना पड़ा था। कहानियां पढ़ना बहुत पसंद है, और उपन्यास बड़े चाव से पढ़ती हैहैं। हिंदी मे लिखने और पढ़ने की रूचि पिछले वर्ष से हुई है।राहत इन्दोरी साहब की बड़ी फैन हैं। शालिनी खुशमिज़ाज़ व्यक्ति होने के साथ-साथ जिंदादिल भी है और नई-नई चुनौतियों के लिए तैयार रहती है। इनका लिखने का अंदाज़ सरल और भावुक है।
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