शून्य

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‘शून्य’, अवनीश महाजन ‘मधुर’ की प्रथम कृति उनकी कविताओं का संग्रह है । इस पुस्तक की अधिकतर रचनाएं उन्होंने अपने कॉलेज (गवर्नमेंट कॉलेज गुरदासपुर) के दौरान 77-78 में लिखी। इन कविताओं का मुख्य विषय रूह अथवा आत्मा से संबंधित है। अपने एकाकीपन से वार्तालाप, रूह से साक्षात्कार इस कविता संग्रह का मुख्य आकर्षण है

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‘शून्य’, अवनीश महाजन ‘मधुर’ की प्रथम कृति उनकी कविताओं का संग्रह है । इस पुस्तक की अधिकतर रचनाएं उन्होंने अपने कॉलेज (गवर्नमेंट कॉलेज गुरदासपुर) के दौरान 77-78 में लिखी।

इन कविताओं का मुख्य विषय रूह अथवा आत्मा से संबंधित है।

अपने एकाकीपन से वार्तालाप, रूह से साक्षात्कार इस कविता संग्रह का मुख्य आकर्षण है

अवनीश महाजन ‘मधुर’ भारतीय सेना के सेवा निवृत्त कर्नल हैं। इक्कीस वर्ष सेना में रहकर स्वेच्छा से अवकाश प्राप्त करने के पश्चात मोबाइल टेलिकॉम नेटवर्क के क्षेत्र में भारत और नाइजीरिया में कार्यरत रहे।

आजकल अपना अधिकतम समय लेखन में व्यतीत करते हैं।

भविष्य में श्रीमद् भगवत गीता के विभिन्न विषयों पर कविताएं लिखने को प्रयासरत हैं।

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